Ballia UP Police News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में यूपी-बिहार बॉर्डर पर पुलिस अवैध वसूली कर रही थी। इस बारे में जानकारी मिलने पर एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ ने एसटीएफ के साथ मिलकर छापेमारी की, जिससे पूरा मामला सामने आ गया।
इसके बाद 7 पुलिसकर्मियों सहित 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अधिकारियों के निर्देश पर बलिया जिले के नरही थाने की कोरंटाडीह पुलिस चौकी के सीओ, एसओ, और 20 पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लिया और एसपी देवरंजन वर्मा और एएसपी दुर्गा तिवारी को उनके पद से हटा दिया। इसके अलावा सीओ शुभ सुचित को भी निलंबित कर दिया गया।
बलिया एसपी को प्रतीक्षारत करने के बाद, लखनऊ की 32वीं वाहिनी पीएसी में तैनात कमांडेंट विक्रांत वीर को बलिया का नया एसपी बनाया गया। अधिकारियों द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद जिले ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के पुलिस महकमे में इसकी खूब चर्चा हो रही है।
अधिकारियों ने ट्रक में बैठकर की छापेमारी
शिकायत मिलने पर एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे बक्सर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद, अधिकारी और उनकी टीम सादे कपड़ों में ट्रक पर सवार होकर भरौली पहुंची।
भरौली चौराहे पर देखा कि ट्रकों की लंबी कतार लगी हुई थी। कुछ पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठे थे जबकि कुछ ट्रकों से वसूली कर रहे थे। इसके बाद दोनों अधिकारी कोरंटाडीह चौकी के पास गए और पाया कि वहां भी अवैध वसूली हो रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, थोड़ी दूर जाने के बाद अधिकारियों ने ट्रक को मोड़कर बक्सर की तरफ चलाया। वहां पहुंचकर एडीजी ने बक्सर में तीन पुलिस टीमें बनाईं। भरौली तिराहा से तीन रास्ते जाते हैं: एक गाजीपुर, दूसरा रसड़ा, और तीसरा बलिया की तरफ। इन तीनों रास्तों पर पुलिस टीमों को तैनात किया गया और फिर धरपकड़ शुरू हुई।
छापेमारी की सूचना मिलने पर वहां भगदड़ मच गई। लेकिन टीम ने दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को पकड़ लिया। इसके बाद एसओ पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर और सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि वसूली में शामिल तीन पुलिसकर्मी, विष्णु यादव, दीपक मिश्र और बलराम सिंह, मौके से भाग निकले और उनकी तलाश जारी है।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने 37,500 रुपए नगद, 14 बाइक, और 25 मोबाइल फोन बरामद किए। इसके अलावा, सरकार ने मामले में सीओ, एसओ और चौकी प्रभारी की संपत्तियों की जांच विजिलेंस से कराने का आदेश दिया है ताकि उनकी काली कमाई का पता लगाया जा सके।
सपा विधायक ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के फेफना विधानसभा के विधायक संग्राम सिंह का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में संग्राम सिंह विधानसभा में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि यूपी-बिहार बॉर्डर पर स्थित नरही थाने द्वारा जमकर वसूली की जाती है।
समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह ने सरकार पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि, वन इंडिया हिंदी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वायरल वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सपा विधायक के आरोप को संज्ञान में लेते हुए यह कार्रवाई की गई है।